Friday, March 15, 2024

हार्ट अटैक के लक्षण

मित्रो आप जानते होगें की आज कल के मनुष्य प्राणों को कोई भी बीमारी होना आम बात हो गया है। उसी में आज एक ख़ास बिमारी हार्ट अटक के बारे में हम आपको इस आर्टिकल मैं बहुत ही अच्छा से बात करने वाले है।

जिससे हर वर्ष दुनिया में होने वाली कुल मौतों में से लगभग 32% मौर्त हृदय रोग या हृदय के कारण होती है। इसमें कार्डियोवैस्कुलर की कई कैटेगरी होती हैं जिनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक शामिल हैं।


हार्ट अटैक


हार्ट अटैक

हार्ट अटक में नसों में खून की सफलाई किसी वजह से बंद हो जाना। हार्ट अटक मतलब हार्ट में ब्लड सप्लाई करने वाली नसों में ब्लॉकेज हो जाना। जिसके कारण हार्ट के मसल में होने वाली ब्लड सप्लाई कम हो जाती है  और उसका परिणाम हार्ट की मसल खराब (demage) होकर मर जाती है। जिसके वजह से लोग हार्ट अटक बीमारी से ग्रस्त हो जाते है। 


हार्ट अटक होने की प्रमुख कारण क्या क्या है।


1.डायबिटीजजिस आदमी शुगर बिमारी से ग्रस्त रहता है। मतलब शुगर ज्यादा होना । हाई शुगर होने के कारण हार्ट की नसें डैमेज हो जाती हैं और हार्ट अटैक आ सकता है


2.हाइपर टेंशन जो व्यक्ति को बीपी हो। यानी हाई बीपी होना। बीपी जब 140/90 से ज्यादा हो जाता है। तब हार्ट अटैक आने की संभावना होता हैं। 


 3.सिगरेट पीना जिस आदमी को सिगरेट, बीड़ी पीने की आदत हो। बीड़ी पीना या किसी भी फॉर्म में तंबाकू खाना ,गुटका खाना, तिरंगा खाना, भांग खाने आदि से हार्ट अटक आने की संभावना रहता है। 


4.हाई कोलेस्ट्रोलजिस व्यक्ति को ज्यादा तेलिया प्रदार्थ खाए की आदत होता है जैसे  कभी-कभी हम तली हुई चीजें ज्यादा, जंक फूड ,पैक्ड फूड ,एनिमल मीट यानी मटन जिसमें चर्बी ज्यादा रहती है , इन सब के कारण भी हार्ट अटैक आ सकता है


 5.जेनेटिक फैक्टरअगर आपके घर के कोई भी सदस्य को  किसी अटैक होने की संभावना होता हैं। 


 इसके वजह से भी  स्ट्रेस. मेंटल, फिजिकल, स्ट्रेंस एट वर्क


हार्ट अटैक के लक्षण


हार्ट अटैक के लक्षण

किसी भी व्यक्ति में ये सब लक्षण दिखने लगा उसको हार्ट अटक होने की संभावना हो जाता है। 


1.छाती में दर्द देना


2.छाती के बीच भाग में दर्द देना है


3.दबाव लगता है


4.जलन महसूस होना 


5.चेस्ट पेन. सेंट्रल, लेफ्ट भाग में, या फिर मोस्टली लेफ्ट शोल्डर, और लेफ्ट आर्म में. गले और जबड़े में भी दर्द होना


6.एसिडिटी जैसा लगना , जलन होना , पेट के उपरी हिस्से में जलन होना


7.इसके साथ काफी घबराहट जैसा लगना , पसीना आना, ये भी हार्ट अटैक के लक्षण हैं


8.सांस फूलना

  

 

हार्ट अटैक से बचने के उपाय


अगर ऐसा महसूस हो रहा है. बहुत ज़्यादा दर्द हैं. तो जल्दी से हॉस्पिटल में ईसीजी (ECG) करवाना चाहिए. ECG करने से हार्ट अटैक का डाइग्नोसिस होता है


 यदि हार्ट की रंगों के अंदर ब्लॉकेज है तो हमें वो खोलना जरूरी है और हार्ट के लिए खून की सप्लाई करना जरूरी है


आज कल इमरजेंसी में एंजियोग्राफी करके एंजियोप्लास्टी करने का जो ट्रीटमेंट है वो सबसे अच्छा और बेहतर है


यदि हार्ट अटैक हो गया तो उसके बाद क्या ध्यान रखा जाए?


1.हार्ट अटैक वाले को अपना वजन कम करना चाहिए 


2.उस व्याक्ति खानपान पर पूरा ध्यान दें


 3.प्रतिदिन दिन सुबह सुबह में एक्सरसाइज करना चाहिए 


  4.स्मोकिंग नही करना है अगर स्मोकिंग पहले से करता है तो बंद करना है। 


5. उस आदमी को शराब का सेवन नहीं करना है। 


 6.कोलेस्ट्रोल युक्त यानी तेलिये चीजें नहीं खाना है  


7. अपने डॉक्टर से परामर्श करके दवाइयों का सेवन समय पर करे। 


अचानक हार्ट अटक आने पर क्या करना चाहिए 


प्राथमिक यदि आपके पास Disprin, Ecosprin या Aspirin है, तो आपको इसे रोगी को देना चाहिए। 


अगर किसीके घर में कोई हार्ट पेशेंट हो तो sorbitrate की 5mg की टेबलेट जीभ के निचे रखनी है , इसे दर्द की तीव्रता थोड़ी कम हो जाती है।


तुरंत नजदीकी हस्पताल के ambulance से संपर्क करना है।


हार्ट अटैक से कैसे छुटकारा मिल सकता है ? घरेलू उपाय  


1  हार्ट अटैक वाला व्यक्ति को  लौकी का जूस या सूप बना के बिना चाहिए। 


2.   जिस आदमी को हार्ट अटक है उसको अनार का रस पीने से धीरे धीरे छुटकारा मिल जाता हैं


3. जो लोग हार्ट अटैक बीमारी से ग्रस्त है उसको करेले का रस बना के बिना चाहिए


4. हार्ट अटैक वाले को लगातार अदरक की चाय, नींबू की चाय, और हरी चाय  चाहिए। 


5. टमाटर का रस या सूप भी पीने पर राहत मिलता है। 


 हार्ट अटैक वाले लोग को इन चीजों से परहेज करना चाहिए। 

 

1.तेलिया प्रदार्थ– तेल से बना चीजों को कम से कम खाने में उपयोग करे। 


2.चाय-कॉफी – हार्ट अटैक के बाद बहुत कम मात्रा में चाय, कॉफी, सो़डा और एनर्जी ड्रिंक्स करे क्योंकि इससे ज्यादा ज्यादा पीने पर ब्लड प्रेशर बढ़ता है। जो दिल के लिए अच्छा नहीं है। 


3.फ्राइड फूड्स – हार्ट बीमारी से बचे रहना है तो ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल न बढ़ पाएं इसके लिए तेल से हुए फ्राय फूड खाना कम खान चाहिए ये खासतौर से ध्यान रखना चाहिए। फ्राय फूड खाने से जिससे धमनियों के ऊपर फैट्स जमा होते जाता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation)सही तरह से नहीं हो पाता। 


4.मैदे से बनी चीज़ें –  मैदा से बनी चीजों को भी काम खाना चाहिए। मैदा शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का काम करता है जिससे हार्ट अटैक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। मैदे से बनने वाले फूड आइटम्स जैसे- ब्रेड, पास्ता, बिस्किट्स, केक, चिप्स, समोसा, कुल्चे, पिज्जा, बर्गर में बहुत ज्यादा मात्रा में अनहेल्दी कार्ब्स होते हैं। जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाते हैं। जो कई बीमारियों की वजह बन जाता है।  



हार्ट अटैक का निदान


हार्ट अटैक आमतौर पर विशिष्ट नैदानिक लक्षणों द्वारा किया जा सकता है और इसमें निम्नलिखित परीक्षणों को पूरा करके इसकी जड़ उस व्यक्ति से से खत्म की जा सकती है: 


ईसीजी – इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी एक नैदानिक परीक्षण है, जो हार्ट के माध्यम से जाने वाले विद्युत संकेतों को मापता है। जब हार्ट अपने चैम्बर के माध्यम से रक्त पंप करता है तब इन संकेतों का मापा जाता है। इसे एक ग्राफ में दर्ज किया जाता है, जिसमें अलग तरह  की तरंगे दिखाई देती हैं। इन तरंगों के आकार के आधार पर, डॉक्टर हार्ट की किसी भी असामान्य स्थिति को बता सकते हैं। 


ब्लड टेस्ट – कार्डियक एंजाइम की उपस्थिति का पता लगाने के लिए ब्लडवर्क की जरूरत होती है, जो दिल के दौरे के दौरान उठाए जाते हैं। इन रीडिंग की मदद से, आपका डॉक्टर अटैक के आकार और समय की पहचान करने में सक्षम होते है। कुछ ब्लड टेस्ट, कुछ हार्ट कोशिका प्रोटीन के स्तर को भी मापते हैं जो रक्त की आपूर्ति की कमी के कारण क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। 


इकोकार्डियोग्राफी – यह हार्ट के दौरे के दौरान और बाद में किया गया एक इमेजिंग परीक्षण होता है। यह आपके डॉक्टर को बताता है कि आपका हार्ट अच्छी तरह से पंप कर रहा है या नहीं। इस परीक्षण से यह भी पता चलता है कि अटैक के दौरान आपके दिल का कोई हिस्सा घायल हुआ है या नहीं। 


एंजियोग्राम – यह धमनियों में रुकावट का पता लगाने के लिए एक इमेजिंग टेस्ट है। हार्ट के दौरे का खत्म करने के लिए इसका उपयोग बहुत ही कम किया जाता है। इस परीक्षण में, एक तरल डाई को कैथेटर के नाम से जानें जानी वाली ट्यूब की मदद से आपके दिल की धमनियों में इंजेक्ट किया जाता है। 

हार्ट अटैक का निदान

 

हार्ट अटैक का इलाज


हार्ट अटैक पड़ने पर आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आपके हार्ट के नुकसान कम करने के लिए आपको जल्दी से जल्दी से इलाज मिले। उपचार स्थिति की गंभीरता के आधार पर बदलता रहता है, जिसमें दवाएं, सर्जिकल इंटरवेंशन और अन्य प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। 


दवाइयां – आपका डॉक्टर ब्लड क्लॉट के निर्माण को रोकने, दर्द को दूर करने, हार्ट रिदम को नियमित करने, रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने, ब्लड प्रेशर के स्तर को विनियमित करने,आदि के लिए दवाओं को निर्धारित करता है। हालांकि आपका डॉक्टर कई दवाओं का सुझाव दे सकता है, लेकिन हम आपको इन सबमें दी जाने वाली आम दवाओं के बारे में बता रहे हैंः 


एस्पिरिन – यह आपातकालीन दवा रक्त के थक्के को कम करती है, जिससे संकीर्ण धमनी के माध्यम से रक्त प्रवाह सुनिश्चित होता है। 


थ्रोम्बोलाइटिक्स – ये दवाएं आपके हार्ट में रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में बनने वाले थक्कों को हटाने में भी मदद करती हैं। समय पर थ्रोम्बोलाइटिक्स का सेवन आपके जीवित रहने की संभावना को बढ़ाता है।


 एंटीप्लेटलेट एजेंट – ये न केवल नए थक्कों को बनने से रोकती है बल्कि मौजूदा थक्के को भी बड़ा होने से रोकती हैं। दर्द निवारक: आमतौर पर छाती के दर्द को कम करने के लिए मॉर्फिन का उपयोग किया जाता है। 


ऐस इनहिबिटर – ये दवाएं आपके दिल के तनाव के स्तर को कम करते हुए ब्लड प्रेशर को कम करने वाले एजेंटों के रूप में कार्य करती हैं। 


स्टैटिन –  ये दवा आपके ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखती है।


सर्जरी और अन्य प्रक्रियाएं


 दवा चिकित्सा के साथ, आपको निम्नलिखित में से किसी भी प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है: 


एंजियोप्लास्टी: इसमें कोरोनरी एंजियोग्राफी करना, ब्लॉकड धमनी का पता लगाना और ब्लॉक को एक गुब्बारे की तरह से खोलना और अंत में ब्लॉक के स्थल पर एक स्टेंट लगाना, जिससे धमनी को खोला रखा जा सके और आपका ब्लड स्वतंत्र रूप से बहता रहे। बाईपास सर्जरी: इस प्रक्रिया में सर्जन, ब्लॉकड या संकीर्ण धमनी को दूर किसी स्थान पर आपकी नसों या धमनियों को बदल देता है। एक बायपास सर्जरी आपके रक्त को संकुचित क्षेत्र को दरकिनार करने के बाद आपके दिल तक पहुंचने की अनुमति देती है।



हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेत



हार्ट अटैक के लिए शरीर देने लगने वाले कुछ संकेत हो सकते हैं, लेकिन यह सभी मामलों में स्पष्ट नहीं होते हैं और हर किसी के लिए भिन्न हो सकते हैं। कुछ सामान्य संकेत शामिल हो सकते हैं:


छाती में दर्द या दबाव: यह एक प्रमुख संकेत हो सकता है।


असामान्य थकान: यदि आप असामान्य थकान महसूस कर रहे हैं, जो आम नहीं है, तो इसे ध्यान में रखें।


ब्रेथलेसनेस (सांस लेने में मुश्किल): इसे भी हार्ट अटैक का एक संकेत माना जा सकता है।


अनियमित दिल की धड़कनें: यदि आपको अनियमित दिल की धड़कनें महसूस हो रही हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है।


शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द या अस्वस्थता: जैसे कि बाएं हाथ में दर्द, जांघों में दर्द या अस्वस्थता।


यदि आपको ये लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो सबसे बेहतर होगा कि आप तुरंत एक डॉक्टर से संपर्क करें और उपचार के लिए सलाह लें। हार्ट अटैक के संकेत को अनदेखा न करें, क्योंकि समय रहते उपचार लेना जीवन बचा सकता है।


हार्ट अटैक आने की उम्र


हार्ट अटैक की उम्र परिभाषित नहीं होती है, क्योंकि यह अनेक कारकों पर निर्भर करता है। यह सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन वृद्ध वयस्कों में और उन लोगों में जो अनियमित जीवनशैली अथवा मेडिकल निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, उनकी जोखिम अधिक होती है।


सामान्य रूप से, लोग जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है, तंबाकू धूम्रपान करते हैं, उच्च रक्तचाप या उच्च शर्करा स्तर है, या जिनके परिवार में हार्ट रोग का इतिहास है, उनमें हार्ट अटैक का जोखिम अधिक होता है।


लेकिन कई बार हार्ट अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है, और यह विशेष रूप से उन लोगों को प्रभावित कर सकता है जो पूरी तरह से स्वस्थ भी हो सकते हैं।


इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखना, नियमित व्यायाम करना, सही खानपान का पालन करना, तंबाकू और अल्कोहल का सेवन कम करना, और नियमित चेकअप करवाना, सभी उम्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है।



दोस्तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम बात किए है की हार्ड अटैक क्या होता है।हार्ड अटैक कब आता है।ओर आपको हार्ड अटैक के बारे मैं जानकारी दिए है।अगर आपको कोई किसी प्रकार का डाउट है तो आप मुझे नीचे comment बॉक्स मैं पूछ सकते हैं



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