Thursday, March 7, 2024

दूध पीने के 5 फायदे

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दोस्तो अगर आप बहुत दिन से बहुत ज्यादा कमजोर है।ओर आपको लग रहा है।की हम दुध का सेवन कर के कैसे ठीक करे।ओर दुध कब कब पीने से फायदा होगी और कब सेवन करने से ज्यादा अच्छा होगा।आज की इस आर्टिकल में हम आपको जानकारी देने वाले है।की दुध का सेवन कब और कैसे करे।इसके लिए आप इस पोस्ट के अंत तक बने रहे


दुध पीने से फायदा


दूध पीने के 5 फायदे

दूध एक ऐसे आहार है जो सब आहार के बराबर हैं और यही वजह है की मां से जन्मे बच्चों को आहार के रूप में दूध दिया जाता है क्योंकि अगर आप दूध के गुण को देखेंगे तो ये अमृत से कम नहीं है दूध एक जानवर से निकलने वाला तरल पदार्थ है जो जीवित प्राणी से प्राप्त होता है और हर वो चीज जो हमे जीवित प्राणी से मिलता हैं उसमे केमिकल रिएक्शन (chemical reaction) करने की होने की टेंडेंसी (tendancy) बहुत ज्यादा होता है जिसकी वजह से दूध की गलत तरह से इस्तेमाल करने से पेट दर्द , खट्टा ढाकर, गैस ,कब्ज, सीने में। जलन,स्किन एलर्जी जैसी बिमारी का सामना करना पड़ता है 



दूध में क्या क्या पाया जाता है ?


दूध प्रोटीन (protein), विटामिन (vitamin), कैल्शियम (calcium) और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -२) युक्त होता है, इनके अतिरिक्त इसमें विटामिन  ए, डी, के और ई (vitamin A,D,K,E) सहित फॉस्फोरस (Phosphorus ), मैग्नीशियम (magnesium), आयोडीन (iodine) व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है। इसको छोड़ इसमें कई एंजाइम और कुछ जीवित रक्त कोशिकाएं भी हो सकती हैं।


दूध पीने से फ़ायदा



1)दूध पोशक तत्व से भरा होता है इसीलिए इसका सही उपयोग करने से पाचन तंत्र सही काम करता है। दिमागी मजबूती को बढ़ाने , वजन बढ़ाने और घटाने में भीं पूरा मदद करता है। हड्डियों की कमजोरी , कब्ज , रातों को नींद न आना जैसे समस्या से भी हमलोगो को छूटकारा दिलाने में दूध बहुत मददगार साबित हुआ है। साथ  ही साथ त्वचा , बाल , सेक्शुअल (sexual) सवस्थ को भी अच्छा रखता है। 


2)अगर आप अपने शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो दूध आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। अध्ययनों से पता चलता है कि दूध में कैलोरी, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन-डी, विटामिन बी12 और पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो कई शारीरिक और मानसिक परेशानियों को ठीक करने में मदद करता है। दूध एक बेहतर सप्लीमेंट भी होता है।


3)दूध में कैल्शियम (calcium) प्रोटीन (protein)  विटामिन D (vitamin D)  सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। 200ml दूध में लगभग 257 mg कैल्शियम (calcium) पाया जाता है जो की हमारे शरीर में 1000 mg से लेकर 1200 mg कैल्शियम (calcium)  की जरूरत पड़ती है तो इस तरह से देख जय तो हर दिन 1 से 2 ग्लास दूध हमारे के लिए काफी अधिक हैं क्योंकि बाकी के कैल्शियम (calcium) और विटामिन डी (vitamin D) हमें दूसरे खाने से भी मिलता  हैं। लेकिन अगर आप जिम या कोई ज्यादा मेहनत करने वाला काम करते हैं तो दूध की थोड़ी अधिक मात्रा में बढ़ाएं जा सकता है ।


4)दूध में लैक्टिक एसिड (lactic acid) से पुराना  त्वचा कोशिकाओं को हटाता है, आपकी त्वचा को फिर से नया बनाता है, और आपको ताज़ा और चिकना रखता है।  दूध विटामिन ए का एक समृद्ध स्रोत है जो उम्र बढ़ने के धब्बे और झुर्रियों के पीछे के कारण मुक्त कणों को खत्म करके, आपकी त्वचा के स्वास्थ्य को आंतरिक रूप से बढ़ाता है ।



दूध पीने का सही समय क्या है?



ऐसे तो लोग दूध का उपयोग कभी भी किसी समय में कर सकता है। लेकिन रात के समय में दूध का सेवन करना सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित माना गया है क्योंकि दूध में ट्रिप्टोफैन (tryptophan) नाम का अमीनो एसिड (amino acid) पाया जाता है जो दिमाग को शांत करके अच्छी नींद दिलाने में बहुत ज्यादा मदद करता है और सुबह अच्छा से पेट भी साफ़ होता है।  

कुछ लोग सुबह खाली पेट दूध का इस्तेमाल करने में कंफ्यूज (comfused) रहता है वैसे सुबह खाली पेट भी दूध का उपयोग करना लाभकारी माना गया है। लेकिन जिस लोगों को लैक्टोस (lactose) से एलर्जी है उसे अक्सर कब्ज और गैस जैसे समस्या होती रहती है तो उन्हें ऐसे में खाली पेट दूध का उपयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि दूध पचने में इसके सेवन से हमारे पाचन तंत्र को बहुत मेहनत करनी पड़ती है।


दूध कैसे पीना चाहिए। गर्म या ठंडा गाय का या भैंस का दूध पीना चाहिए


दूध हमेशा थोड़ी हल्का गुनना गर्म पीना पीना हमारे शरीर के लिए फायदामंद बताया गया है   क्योंकि दूध वैसे भी पचने मे हैवी (heavy) होता है लेकिन जब ज्यादा गर्म या फ्रिज में रखा दूध को पीते है जो  बहुत ज्यादा हैवी (heavy)  होने के करण सही से पच नहीं पता है जिनके वजह से दूध का पूरा पोसवतत्व हमारे शरीर को नहीं मिल पाता है। 



दूध गाय या भैंस का पीना स koही रहता है। 



दोनो दूध में कैलशियम (calcium) पूरा होता है लेकिन गाय के दूध के अपेक्षा भैंस के दूध में फैट (fat) और कैलोरिज (calorise) ज्यादा पाया जाता है। जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं उसे भैंस का दूध इस्तेमाल करना चाहिए।

दूसरे तरफ गाय को दूध में फैट (Fat) कम होता है जिसके वजह से गाय की दूध हल्का होता है और पचने में समय नहीं लेता है सेहाद और ताकत के नजरिए से भी दूध काफी हेल्दी होता है। इसलिए जो लोग वजन बढ़ाना नहीं चाहते। वजन घटाने चाहते है, उन्हे गाय का दूध का ही सेवन करना चाहिए। 


दूध से हानिकारक कैसे होता है?


दूध जीवित प्राणी से मिलने के कारण इसमें हारमोंस एंजाइम ( hormone , enzyme) और एमिनो एसिड (amino acids) की मात्रा बहुत ज्यादा में पाया जाता है। इसीलिए  ज्यादातर खाने के साथ केमिकल रिएक्शन (chemical reaction) ज्यादा होता है जिसके वजह से दूध ठीक से पच नहीं पाता है। दूध से मिलने वाला फायदा भी 0 ही जाता है  इसलिए दूध पीने में  हमारे द्वारा कई गई छोटी से छोटी गलती भी हमारे शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है दूध से मिलने वाले फायदा भी नुकसान में बदल सकता है  


दूध कब पीना चाहिए। 


लोग खाना खाने के बाद तुरंत दूध पी लेते है। लेकिन खाना खाने के बाद तुरंत  कभी भी दूध का सेवन न करें। दूध पचने में समय लगता है।  और आपको भारीपन महसूस , नींद आना , दुधु ढाकर जैसे समस्या का महसूस होने लगता है। इसलिए दुध का इतेमाल हमेशा खाना खाने के कम से कम 2 घंटे बाद और सोने के 30 m पहले ही करना चाहिए  


खट्टे  खाना ,जंक फूड ,ज्यादा नमकीन और चटपटी चीजों के साथ दुध सेवन करना सही रहता है। 


खट्टे खाना ,जंक फूड ,ज्यादा नमकीन और चटपटी चीजों के साथ खट्टे फल नींबू, संतरे कच्चा आम आदि और नमकीन जैसे मिक्चर अचार और जंक फूड ऐसी चीजों के साथ दूध का मेल बिल्कुल भी नहीं बनता। जिसकी वजह से दूध के साथ या दूध के पीने से पहले या बाद में इन चीजों का सेवन कर लिया जाए।  तो ये हमारे  पेट में जाकर पाचन क्रिया को बहुत धीमी कर देता है जिससे आपचन  ,  भारीपन, ब्लोटिंग, खट्टी डकारें कमजोरी और पेट दर्द जैसी समस्या शुरू हो जाती है। इसलिए  दूध के साथ पहले या बाद में खट्टे फल , नमकीन और ज्यादा चटपटी चीजे  सेवन बिलकुल ही न करे। 



सेब, केले  या कोई और फल साथ दुध सेवन करना बेहतर रहता है। 



कुछ लोग दूध का इस्तेमाल सेब या केले के साथ शेक बनाकर करते हैं। अगर आपको पाचन की समस्या नहीं होती तो दूध के साथ  केले या सेब का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन अगर आयुर्वेद की मानें तो दूध अपने आप में थोड़ा हैवी होता है जिस पचने में लगभग 90 मिनट का समय लगता है और दूध को किसी फल के साथ मिक्स कर देते हैं तो यह और भी ज्यादा हैवी हो जाता है। जिसे पचने के लिए हमारे पाचन तंत्र को बहुत मेहनत करना पड़ता है। दूध अपने आप में मीठा होता है अगर आप उसे ओर ज्यादा मीठा कर के पीने चाहते है तो चीनी के जगह पर दूध  को मीठा करने के लिए शहद, मिश्री, देशी खांड, जग्गारी पाउडर का उपयोग करे। दूध और दूसरी खाने के चीज 2 से 3 घंटा का अंतराल होना चाहिए , दूध और मिठे फल के बीच काम से कम 30 m का अंतराल जरूर रखना चाहिए 



नॉनवेज के साथ दुध का इस्तेमाल करना चाहिए। 


दूध नॉनवेज के साथ यानी गोश्त मछली और अंडे के साथ  कहा जाता है की दूध के साथ पहले या बाद में मछली का सेवन कर लिया जाए तो स्किन पर सफेद दाग धावे जैसे बीमारी हो जाते है। हालाकि अभी तक सेंटिफिक इसके लिए पूरी तरह से पुरूप नहीं कर पाया है। लेकिन फिर भी इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके कारण भी सेंटिफिक गली अभी तक पूरी तरह रोक नहीं है और हमारे बड़े बुर्जुग भी दूध के साथ मछली खाने के लिए हमेशा ही मना कर करते  और अब बात है की  हम में से अक्सर लोग उनकी बातों को नॉनसेंस समझते हैं। क्योंकि वह हमें किसी बात की  ठीक से एक्सप्लेन नहीं कर पाते। गहरा में जाकर सोचे तो उनकी सारी बातें हमारी जिंदगी की सच्चाई से जोड़ता  हैं। इसलिए बेहतर यही है कि दूध और मछली का इस्तेमाल साथ में ना किया जाए और अगर खाना ही है। इन दोनों के बीच कम से कम 2 से 3 घंटे का अंतराल जरूर रखा जाए और डाइजेशन की प्रॉब्लम नहीं हो रही।  तो मीट और अंडे के साथ दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि मांस और दूध इन दोनों में प्रोटीन बहुत ही अधिक मात्रा पाया जाता  है और  जिससे पाचन क्रिया धीमी कर देता है । इसलिए नॉनवेज के साथ दूध का सेवन करना एक अच्छा  नहीं है 


दूध बैंगन, कच्चे प्याज या कोई अन्य सब्जी के साथ पीना चाहिए या नहीं



खाने में बैंगन या कच्चे प्याज का सेवन करते हैं। तो ये भी दूध के गुण के विरुद्ध होता है। इसलिए दूध नॉनवेज और दूसरे खाने के बीच कम से कम 2 से 3 घंटे का अंतराल जरूर रखना चाहिए। 


दूध दही के साथ इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं




दही में लैक्टोबेसिलस (lactobacillus) नाम का बैक्टीरिया (bacteria) पाया जाता है जो की दूध को दही में जमाता है और जब हम दही और दूध का एक साथ सेवन कर लेते हैं तो दूध के दही जमने की प्रक्रिया हमारे पेट में ही शुरू हो जाती है। जिससे हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम   (digestive system) पूरी तरह से कंफ्यूज (confused) हो जाया है और पाचन क्रिया में समस्या आ जाति है इसलिए दूध के साथ दही का भी सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। 



दूध किसे नहीं पीना चाहिए?


 जिन लोगों के शरीर पर कोई बड़ा जख्म है या हाल ही में सर्जरी हुई हो। उन्हें दूध का इस्तेमाल कुछ दिनों के लिए बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि लगातार इस्तेमाल करते रहने से कोई शौक नहीं पाते हैं और हमें इस समस्या का लगातार सामना करना पड़ता है।  और जिन लोगो लैक्टस से एलार्जी है जिन्हे हमेशा चेहरे पर पिंपल्स की प्रॉब्लम रहती है। उन्हें भी दूध कम मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए। 


दूध कब पीना चाहिए?


बता दें कि ज्यादा एक्सपर्ट्स के अनुसार दूध रात के समय ही पीना अच्छा माना गया है।  वैसे दूध को आप रात या दिन दोनों समय पी सकते हैं, इसमें कोई नुकसान नहीं है। दिन और रात दोनों समय गर्म या ठंडा दूध पीने के अपने ही फायदे होते हैं।


कच्चा दूध पीने के फायदे - 



दूध स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है । इसके सेवन से शरीर की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। कई बॉडी बनाने वाले दूध को उबालकर पीने के बजाय कच्चा दूध पीना पसंद करते हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठ सकता है कि क्या कच्चा दूध स्वास्थ्य के लिए हेल्दी होता है? अगर आप भी इस सवाल से कंफ्यूज हैं तो आइए जानते हैं इसके बारे


1)कच्चा दूध पीने से शरीर को एलर्जी से बचाया जा सकता है। रिसर्च में इस बात को साबित किया जा चुका है कि कच्चा दूध अस्थमा के खतरे को बचाए रखता  है। 


2)कच्चा दूध पीने से शरीर को बहुत अधिक रूप से पोषण मिलता है। दरअसल, जब आप दूध को उबालते हैं तो इसके कई जरूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. ऐसे में कच्चा दूध पीना अधिक हेल्दी हो सकता है. 


3)कच्चा दूध पीने से शरीर को भरपूर रूप से फैटी एसिड्स (fatty acids) प्राप्त हो सकता है। 


4)और आप एक्जिमा से पीड़ित हैं तो कच्चे दूध का उपयोग करें. यह आपके स्वास्थ्य के लिए अधिक हेल्दी हो सकता है। 


5)स्किन (skin) के लिए कच्चा दूध काफी फायदेमंद हो सकता है। 


कच्चा दूध पीने के नुकसान -



इसकी वजह से फूड पॉइजनिंग (food poison) होने का खतरा रहता है। कच्चे दूध में हानिकारक बैक्टीरिया (dangerous bacteria) मौजूद होते हैं जो स्ट्रोक, पैरालिसिस और स्ट्रोक का कारण हो सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चा दूध नहीं पीने चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चा दूध पीने से परहेज करें। 


मित्रो उम्मीद करते है की आपको आज दूध पीने की सारी जानकारी 

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